हिन्दी साहित्यकार “मन्नू भंडारी” का वास्तविक नाम क्या है? |
मेरा सवाल 75 का सही उत्तर –पंजाब राज्य का नाम इन पांच नदियों के नाम पर पड़ा- सतलुज, चिनाब, व्यास,रावी,झेलम,
आपका तथा समस्त आगंतुकों का धन्यवाद एवं आभार । | ||
चलतेचलते ******हिन्दी में “औ” ध्वनि अंग्रेजी भाषा से ली गई।
प्रोत्साहित करने के लिए आप सभी का पुनः धन्यवाद। विश्वास दिलाता हूं १०० वां प्रश्न धमाकेदार तरीके से पेश करुंगा.
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10 comments:
महेंद्र कुमारी
महेंद्र कुमारी
मध्य प्रदेश में मंदसौर जिले के भानपुरा गाँव में जन्मी मन्नू का बचपन का नाम महेंद्र कुमारी था। लेखन के लिए उन्होंने मन्नू नाम का चुनाव किया।
ज़मीर भाई आपने ये कहाँ पढ़ा कि हिन्दी में “औ” ध्वनि अंग्रेजी भाषा से ली गई।
मुझे ऐसा बिलकुल भी नहीं लगता ! संस्कृत आदि भाषा रही है और हिंदी का मूल भी ! संस्कृत में 'औ' का उच्चारण व्यापक रूप से होता है ! आपने कहाँ से यह जानकारी प्राप्त की !
आदर्णीय प्रकाश जी, नमस्कार.
उक्त तथ्य को मैंने श्री पुनीत कुमार राय की पुस्तक "वस्तुनिष्ठ हिन्दी" के पेज सं. ३६३ से लिया है.
अनुरोध है कि आप इस तथ्य के बारे में अवगत कराने की क्रीपा करें.
सादर
वास्तविक नाम याद नहीं है.
मन्नू भंडारी (जन्म ३ अप्रैल १९३१) हिन्दी की सुप्रसिद्ध कहानीकार हैं। मध्य प्रदेश में मंदसौर जिले के भानपुरा गाँव में जन्मी मन्नू का बचपन का नाम "महेंद्र कुमारी" था। लेखन के लिए उन्होंने मन्नू नाम का चुनाव किया। उन्होंने एम ए तक शिक्षा पाई और वर्षों तक दिल्ली के मीरांडा हाउस में अध्यापिका रहीं। धर्मयुग में धारावाहिक रूप से प्रकाशित उपन्यास आपका बंटी से लोकप्रियता प्राप्त करने वाली मन्नू भंडारी विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में प्रेमचंद सृजनपीठ की अध्यक्षा भी रहीं। लेखन का संस्कार उन्हें विरासत में मिला। उनके पिता सुख सम्पतराय भी जाने माने लेखक थे।
प्रकाशित कृतियाँ
कहानी-संग्रह :- एक प्लेट सैलाब, मैं हार गई, तीन निगाहों की एक तस्वीर, यही सच है, त्रिशंकु, श्रेष्ठ कहानियाँ, आँखों देखा झूठ, नायक खलनायक विदूषक।
उपन्यास :- आपका बंटी, महाभोज, स्वामी, एक इंच मुस्कान और कलवा, एक कहानी यह भी।
पटकथाएँ :- रजनी, निर्मला, स्वामी, दर्पण।
नाटक :- बिना दीवारों का घर।
शुभ भाव
राम कृष्ण गौतम "राम"
Mahendra Kumari.
महेंद्र कुमारी
Jee haa. Sahi uttar Mahendra kumari hai.
jyada vishleshit nahi kar raha hu kyonki Ram Krishna Gautam jee ne Byora de hee diya hai.
Dhanyawaad.
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