इन्स्पेक्टर गोलागोला ने एक व्यकित को हाईवे में मरा हुआ पाया. उसके सर में गोली लगी हुई थी. पास में एक गन थी ,जिसमें उसके फ़िंगरप्रिंट्स थे. पास ही एक रुमाल और एक टेप रिकारडार भी था. इन्स्पेक्टर का सिर चकरया, उसने टेप ओन किया,टेप बिलकुल शुरु से चला. – मुझे माफ़ किजीये मुझे अपना जीवन समाप्त करना ही है, मैं कर्ज़ में डूबा हुआ हूं, छुटकारा पा नहीं सकता माफ़ करें...... और उसके बाद गोली की आवाज. …………………………………………………. इन्स्पेक्टर गोलागोला ने इसे मर्डर के मामले के रुप में केस फ़ाइल किया , आत्महत्या नहीं माना. बताएं क्यों ? |
10 comments:
आत्महत्या ho hi nahin sakti.
aatmhatya hoti to टेप रिकारडार men टेप shuru se na chalta.
इन्स्पेक्टर गोलागोला ने इसे मर्डर के मामले के रुप में केस फ़ाइल किया kyon ki आत्महत्या ka case hota to टेप रिकारडार men टेप बिलकुल शुरु से na chalta. usmen goli kee aawaaj bhi record huyi hai.
आत्महत्या ka case hota to mratak kee aawaaj sunne ke liye टेप रिकारडार ko rewind karna padta.
टेप बिलकुल शुरु से चला--yahi reason hai...
agar usne khud record kiya hota to wo goli marne ke baad rewind thode kar ke rakhta..:)
Bahut rochak prashn.
Tape shuru se chala matlab kisi ne tamper kiya. isliye Murder
मेरे ख्याल से ये आत्मह्त्या है.
इंस्पेक्टर बडा चालाक था.उसने टेप के आधार पर ही केस को मर्डर बाताया.
टेप शुरु से चला।
Jawab to aapko mil hee gaye hain...aur alag kya likhun?
इस बार मैंने काफी देर कर दी! क्षमा चाहता हूँ! वैसे टेप रिकॉर्डर का एकदम प्रारंभ से चलना ही इंस्पेक्टर गोलागोला के लिए हत्या का क्लू बन सकता है!
शुभ भाव
राम कृष्ण गौतम "राम"
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