Friday, March 19, 2010

मेरा सवाल 104


बहुत मोटा है मेरा पेट,

लेता जग को अपने में समेट,

रोज सवेरे मैं हूं आता,

सबके मन को मैं भाता.

बताएं मैं कौन हूं.

मेरा सवाल 103 का सही उत्तर जगदम्बा प्रसाद मिश्र हितैषी

सर्वप्रथम सही जवाब दिया श्री के के यादव जी ने, बधाई.

इसके अलावा श्री प्रकाश गोविंद जी , सुश्री आकांक्षा जी ने भी सही उत्तर दिए,

आप सभी का धन्यवाद और आभार.

चलते – चलते ***** जैन परंपरा का सर्वप्रथम कवि स्वयंभू थे.

13 comments:

Alpana Verma said...

Sooraj[Sun]

देवेन्द्र पाण्डेय said...

सूरज

ज़मीर said...

सही उत्तर नही मिला है. इस्लिये हिंट ही देता हुं-


पहली दो लाइनों में थोडा परिवर्तन कर रहा हुं=ध्यान से देखें-

बहुत मोटा है मेरा पेट
लेता जग की खबरें समेट
..................
..................

प्रकाश गोविंद said...

news paper

शमीम said...

akhbaar.

Gautam RK said...

Newspaper!!!




"RAM"

Alpana Verma said...

Post box/inbox [emails]

Alpana Verma said...

Radio

ज़मीर said...

sooraj, radio , newspaper - sahee utaar raat 9 baje.

Akanksha Yadav said...

सूरज

KK Yadav said...

Telivision (TV)

Akshitaa (Pakhi) said...

Akhbar wala Haker.

ज़मीर said...

आकांछा जी, यादव जी और पाखी जी का आभार.