Thursday, March 25, 2010

मेरा सवाल 106

नमस्कार

तीन दिनों के ब्रेक के बाद फ़िर आपके समक्ष हाजिर हूं। यह रहा सवाल -


हिन्दी साहित्यकार प्रेमचंद का प्रेमचंद नाम किसने रखा ?


संडे का सवाल का सही उत्तर मोबाइल मेसेज के अनुसार सही उत्तर है चाटवाले की दुकान पर”:)

आप सभी आगंतुकों का धन्यवाद और आभार.


सही उत्तर के साथ परसो मिलूंगा.

8 comments:

प्रकाश गोविंद said...

विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने

प्रकाश गोविंद said...

उर्दू में प्रकाशित होने वाली ज़माना पत्रिका के सम्पादक मुंशी दयानारायण निगम ने उन्हें प्रेमचंद नाम से लिखने की सलाह दी।

प्रकाश गोविंद said...

पहले प्रेमचंद जी - धनपत राय नाम से लिखते थे। उर्दू में प्रकाशित होने वाली ज़माना पत्रिका के सम्पादक मुंशी दयानारायण निगम ने उन्हें प्रेमचंद नाम से लिखने की सलाह दी। इसके बाद वे प्रेमचन्द के नाम से लिखने लगे।

प्रकाश गोविंद said...

ज़मीर भाई आप गायब कहाँ हो गए थे ?
आपकी तलाश में जाने कहाँ-कहाँ भटका
बस स्टैंड,रेलवे स्टैंड,टैक्सी स्टैंड,रिक्शा स्टैंड, तांगा स्टैंड,
सभी जगह ....अंडरस्टैंड ?
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गुमशुदा के पोस्टर छप के तैयार थे
बस दीवारों पे लगने ही वाले थे
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ऐसे बिन बताये न गायब हुआ करिए भाई
खैर
उसका नाम तो बता दीजिये जो आपको लेकर आया
ईनाम तो दे दूँ उसे :)

Alpana Verma said...

ज़मीर भाई आप गायब कहाँ हो गए थे ?
आपकी तलाश में जाने कहाँ-कहाँ भटका
बस स्टैंड,रेलवे स्टैंड,टैक्सी स्टैंड,रिक्शा स्टैंड, तांगा स्टैंड,
सभी जगह ....अंडरस्टैंड ?
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गुमशुदा के पोस्टर छप के तैयार थे
बस दीवारों पे लगने ही वाले थे
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ऐसे बिन बताये न गायब हुआ करिए भाई
खैर
उसका नाम तो बता दीजिये जो आपको लेकर आया
ईनाम तो दे दूँ उसे :)

---------:)--sahi likha hai Prakash ji..main ne bhi dohra diya...ab yahan copy-paste kar diya hai--hope--copyright to nahin hai na aap ki tippani ka??

Alpana Verma said...

Quiz ka Jawab kya den?jawab aa hi gya hai..use bhi copy paste kar deti hun--उर्दू में प्रकाशित होने वाली ज़माना पत्रिका के सम्पादक मुंशी दयानारायण निगम ने उन्हें प्रेमचंद नाम से लिखने की सलाह दी। इसके बाद वे प्रेमचन्द के नाम से लिखने लगे।

ज़मीर said...

AADARNIYE PRAKASH JI AUR ALPANA JI NAMASKAR,

AAP LOGO KE AASHIRWAAD SE MAI JALDI POSTING KAR SAKA.

BAAKI BAAD ME. AB TO NISCHIT RUP SE KAL AAUNGA HI.
PRAKASH JI EK ANURODH HAI, AAPNE MUJHE KIS TANGE STAND ME DUNDHA, KRIPYA BATAYE :) ?

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

nahin jaante to apne aap khoj lo naa hamara bheja kyun khaate ho bhaayi jaan.....ha....ha...ha...ha...ham aise hi hain....bura mat maan lena...!!