“शहीदों के चिताओं पर लगेगें हर वर्ष मेले.
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा”
हम सब इन पंक्तियों से वाकिफ़ है.
बताएं कि इन पंक्तियों के रचनाकार कौन हैं ?
मेरा सवाल 102 का सही उत्तर –“ छोटे- छोटे चिडियों के बच्चे” - पंक्ति में गलती हैं.
सही पंक्ति यह होगी – “ चिडियों के छोटे- छोटे बच्चे”.क्योंकि “छोटे- छोटे चिडियों”लिखना गलत होगा.
सर्वप्रथम सही जवाब दिया श्री मनोज कुमार जी ने, बधाई.
इसके अलावा श्री प्रकाश गोविंद जी , श्री राम क्रिश्न गौतम जी ,श्रीमती अल्पना वर्मा जी, और श्री शमीम जी ने भी सही उत्तर दिए,
आप सभी का धन्यवाद और आभार.
चलते – चलते ***** भारत में मुद्रण यंत्र स्थापित करने का श्रेय पुर्तगालियों को है.
16 comments:
राम प्रसाद बिस्मिल
AMAR SHAHEED BHAGAT SINGH
iqbal sahab.
"शौकत उस्मानी"
"RAM"
zameer ji agar sambhaw ho to hint dena.
@ Alpana ji ,namashkar, prakash ji me ni sandeh guru ji banne ke saare gun hai.
Ache rachanakar, anchor to hai hi aur shaandar painting banane me bhi inhe maharath haasil hai.
Prakash ji ko bhi namashkar.
जगदम्बा प्रसाद मिश्र "हितैषी"
गया प्रसाद शुक्ल “सनेही”
कविवर जगदम्बा प्रसाद मिश्र 'हितैषी' जी की पंक्तियाँ हैं.
यह रहा हिंट -
१ गया प्रसाद शुक्ल "सनेही"
२. हरिवंश राय "बच्चन"
३. जगदम्बा प्रसाद मिश्र "हितैषी"
जगदम्बा प्रसाद मिश्र "हितैषी"
poori panktiyan is prakaar hain :
इलाही वो भी दिन होगा जब अपना राज देखेंगे
जब अपनी ही ज़मीं होगी और अपना आसमाँ होगा
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले
वतन पर मिटने वालों का यही बाक़ी निशां होगा
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dil vyathit hai
aaj apni jamin hai ..apna aasmaan hai lekin kahan hai MELA ?
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aaj to sirf MAALA hi dikh rahi hai
rupyon kee maala.
२. हरिवंश राय "बच्चन"
Yah jaankari mujhe nahin thi..shukriya.
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