नमस्कार / आदाब मैं आज अपने १०० वें सवाल के उत्तर के साथ हाजिर हूं.
यह रहे उत्तर.....................
1- अरस्तु को “ फ़ादर आफ़ जुलाजी ” कहा जाता है. उनका समय ३८४ बी सी से ३२२ बी सी था. उन्होंने जो पुस्तक लिखी थी उसका नाम था- Historia Animelium या History of Animals.इस पुस्तक में उन्होंने जन्तुओं के स्वभाव,रचना , वर्गीकरण एवं जनन आदि का वर्णन किया था।
2- चित्र में मात्र एक मानव मुख के जैसी आक्रिती है।
3- बादल. ( उडता है, बरसता है और सूर्य को ढककर अन्धेरा भी करता है.)
सर्वप्रथम तीनों सही जवाब दिया श्रीमती अल्पना वर्मा जी ने, बधाई.
इसके अलावा सुश्री क्रितिका जी और श्री प्रकाश गोविन्द जी,श्रीमती रेखा प्रहलाद जी , ने भी सही उत्तर दिए,
आपका तथा श्रीमती आकांक्षा जी, श्री राम क्रिश्न गौतम जी , श्री मनोज कुमार जी और श्री शमीम जी का धन्यवाद और आभार.
आज का सवाल
02 | 05 | 11 |
08 | (?) | 35 |
06 | 13 | 27 |
( ? ) के स्थान पर कौन सा नम्बर होगा , बतायें ?
चलते – चलते....... Paper kite , Blue stripped crow, Julia, Great egg fly – ये सारे तितलियों के नाम हैं.
17 comments:
नमस्कार.
"एक चर्चा" अच्छी लगी.
यह भी पता चला की हमारे बीच एक महान SCIENTIST है.
अगर जरुरत पडी तो कल सुबह 8 बजे हिंट दूंगा.
17
17
(?) Ki Jagah '17' Aana Chahie Zameer ji!!
"RAM"
Alpnaji ko badhai:)
jawaab:17 hona chahiye.
17
zameer ji aise aasaan sawaal to mai 1857 se pahle solve kiya karta tha.
koyi kathin sawaal poochhiye
17
zameer ji aise aasaan sawaal to mai 1857 se pahle solve kiya karta tha.
koyi kathin sawaal poochhiye
Prakash ji Namaskar,
AApka sujhaw mujhe bahut aacha laga.Ab mai thoda kathin sawal puchunga:}
नमस्कार.
"एक चर्चा" अच्छी लगी.
zameer ji kya haal hai sir ji.....
badhayeeyon ke liye thank you jee...
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Yah khaas '100 th Q]ki jeet Sabhi saaathi pratibhagiyon ko dedicate karti hun.
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Abhaar
Aadarniya Alpana ji,
Dhanyawaad.
Mera takniki gyan jyada nahi hai.
Mai bhi 100we prashn ke liye ek smriti chinha banane ki koshish karun ga.
saadar
मेरा जवाब १७.
और हां , प्रकाश जी कि सेहत का राज क्या है :)
sab 17 kah rahe hain to mera jwab bhi 17 hai
सेहत का राज :
टेंशन लेने का नहीं, देने का .....क्या बीड़ू
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मन्त्र एक - भले ही कुछ अच्छा न कर पाओ लेकिन बुरा कभी मत सहो !
मन्त्र दो - नादान दोस्ती से तन्हाई बेहतर !
मन्त्र तीन - दिल में कुछ न रखो ... निकाल दो बाहर !
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बाकी मन्त्र शागिर्द बनने के बाद !
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